गंगा जमुना के जिस विशाल मैदान मेँ हम रहते हैँ वहाँ हर मौसम हमारे दरवाजे खटकाता है,पर जब कभी मौसम का भयावह रुप हम देखते हैँ तो सोचते हैँ आखिर यह मौसम क्योँ आता है। जैसे मेरे लिए ठण्ड के मौसम का हर पल परेशान करता है।मैँने कभी इस मौसम मेँ खुद को सहज नहीँ पाया वहीँ गर्मी के मौसम का अधिक से अधिक लाभ मेरे द्वारा उठाया जाता है।सबसे बडी समस्या मेरी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता है, जो दिन प्रति दिन मुझमेँ ठण्ड के प्रति नफरत के लिए मजबूर करती है। खैर मैँ कोशिश करता हुँ इस ओस,कोहरा, पाला के परिवार से घुलने मिलने की।
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