अरमानोँ का बोझ

ख्वाबोँ की कश्ती पर है हमारी सवारी
दूसरी तरफ अरमानोँ का बोझ हम पर भारी
खुद मेँ खोये हुए हैँ
जागे तो लगा रोए हुए हैँ
हम मेँ ही हम छिपा है हमारा
यही है मझधार या यही है किनारा
खुद से लडने को खुद मेँ करनी है तैयारी
अरमानोँ का बोझ हम पर है भारी

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