अनुशासन का महत्व
आप जब खुद को ही अनुशासनहीन समझने लगते हैँ और लगातार गलतियाँ करते चले जाते हैँ तो आपको यह अहसास भी होने लगता है कि आपने बहुत कुछ खो दिया है और आने वाले समय मेँ खो देँगे। पर यह छण बहुत विचित्र होता है क्योँकि यहाँ से कुछ सुधरे हुए कदम आपको अर्श तक पहुँचा सकते हैँ या विश्वास की कमी और श्रेष्ठता के प्रति अरुचि आपको फर्श पर ला कर पटक सकती है। कुल मिलाकर अनुशासन स्वँय का स्वंय पर नियंत्रण है अर्थात आपके जीवन और दिनचर्या का संविधान,नीतिगत तथ्योँ और आवश्यकताओँ के साथ आपके लिए।यह आपको स्वंय पर गर्व करने का अवसर देता है और घमंड की स्थिति मेँ पहुँचने नहीँ देता।यह कोई चाबुक नहीँ बल्कि ल्क्ष्मण रेखा है जो की आपको कर्त्तव्योँ और नीति के दायरे मेँ रखे। तो यह विचार करना हमारे लिए आवश्यक है कि हम स्वंय को अनुशासन मेँ रखेँ जिससे हमारा जीवन महानता को प्राप्त हो।
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