आरबीआई अनलॉक्ड: बियॉन्ड द रुपी, एक पांच-एपिसोड की हिंदी डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ है, जो JioHotstar पर उपलब्ध है। इसका पहला एपिसोड रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की 90 साल की यात्रा और 1991 के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स संकट के दौरान इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है। यह एपिसोड न केवल RBI के इतिहास को रोचक ढंग से प्रस्तुत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे यह संस्था भारत की आर्थिक स्थिरता की रीढ़ रही है।
एपिसोड की शुरुआत भारत के आर्थिक इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़, 1991 के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स संकट से होती है। उस समय भारत को विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण देश दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया था। इस संकट की पृष्ठभूमि को समझाने के लिए, एपिसोड में ऐतिहासिक फुटेज, विशेषज्ञों के साक्षात्कार और नाटकीय रीक्रिएशन का उपयोग किया गया है।
1990 के दशक की शुरुआत में, भारत की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में थी। विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम हो गया था कि देश केवल दो हफ्तों के आयात को वहन कर सकता था। इस संकट के कारणों में तेल की कीमतों में वृद्धि, खाड़ी युद्ध, और खराब आर्थिक नीतियां शामिल थीं। एपिसोड में इस बात पर जोर दिया गया है कि कैसे RBI ने इस स्थिति में तत्काल कदम उठाए, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ऋण लेना और आर्थिक सुधारों की शुरुआत शामिल थी। RBI ने न केवल मौद्रिक नीतियों को लागू किया, बल्कि सरकार के साथ मिलकर संकट से निपटने के लिए रणनीतिक निर्णय लिए। एपिसोड में तत्कालीन RBI गवर्नर और अन्य अधिकारियों के निर्णयों को दर्शाया गया है, जिन्होंने देश को आर्थिक तबाही से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें भारत के सोने को गिरवी रखने की घटना का भी जिक्र है, जो उस समय एक विवादास्पद लेकिन आवश्यक कदम था।
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