उदय हुआ सूरज

उदय हुआ सूरज पूरब मेँ
आसमान मेँ छायी लाली
रही न रात ,न रहा अँधेरा
रही न चँदा की उजियाली।

डाल-डाल पर बैठे पक्षी
देखो कैसे चहक रहे हैँ।
खिले फूल मुस्कायीँ कलियाँ
देखो कैसे महक रहे हैँ।

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