मायूसी मेँ

आज मैँ मजबूर हो गया हूँ खुद को हारा हुआ कहने को।इसके पीछे मेरा अतीत और वर्तमान दोनोँ हैँ।जो मुझसे अतीत मेँ ना हो सका वह वर्तमान मेँ भी नहीँ हो पा रहा है।मुझे पता है कि मेरी जिन्दगी कीमती है,सभी की जिन्दगी कीमती होती है इसे संभाल के रखो।जीवन मेँ लक्ष्य का निर्धारण कर लोगे तो तुमहारी हर एक मुस्कुराहट भी लोगोँ के लिए कीमती हो जाएगी।शायद अभी बहुत कुछ बोलना बाकी है,मैँ बोल सकूँ इसके लिए दुआँ करना।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें