अफवाएँ,पलायन और संचार साधन
पूर्वोत्तर राज्योँ के लोग हमले की अफवाहोँ से डरकर अपने गृह राज्योँ की ओर पलायन कर रहे हैँ। कोई अपनी रोटी, कोई शिक्षा को दाँव पर लगाकर जा रहा है।सरकार की अपील का लोगोँ पर असर शून्य है। सवाल यह उठता है कि यह स्थिति क्योँ आयी और संचार माध्यम इसके लिए कितने जिम्मेदार हैँ ।मेरा मानना है कि जिन माध्यमोँ का उपयोग अफवाएँ फैलाने के लिए किया गया उनका इस्तेमाल समाज का बुद्दिजीवी वर्ग करता है ऐसे मेँ यह बात कहना तो गलत होगा कि यह कुछ शरारती तत्वोँ का काम है। तो निश्चय ही यह कार्य योजनाबद्द तरीके से किया गया है और इसके पीछे राष्ट्र विरोधी साम्प्रदायिक ताकतेँ हैँ।पिछले कुछ वर्षोँ मेँ हुयी ्क्षेत्रवाद की घटनाएँ अखण्ड भारत के सपने को तार-तार करती हैँ।सरकार का संचार विषयोँ पर ध्यान देना आवश्यक हो गया है ऐसे मेँ बडे कदम उठाने की जरुरत है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें